बैक एफडी में 5 लाख से ज्यादा पैसे लगाने वाले सावधान, निवेश करने से पहले जाने सभी नियम Fixed Deposit

By Pratik

Published On:

Fixed Deposit

Fixed Deposit: भारतीय निवेशकों के बीच फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक बेहद लोकप्रिय विकल्प है, खासकर उन लोगों के लिए जो सुरक्षित और निश्चित रिटर्न चाहते हैं। लेकिन अगर आप 5 लाख रुपये से ज्यादा एफडी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो कुछ जरूरी नियम और सावधानियां हैं जिन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। हाल ही में आरबीआई और बैंकिंग सेक्टर से जुड़े कुछ अहम अपडेट सामने आए हैं, जिनका सीधा असर आपके निवेश पर पड़ सकता है।

एफडी की लोकप्रियता और सुरक्षा की भावना

बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर में ज्यादातर निवेशक फिक्स्ड डिपॉजिट को एक सुरक्षित विकल्प मानते हैं। यह निवेश का वह साधन है जिसमें रिटर्न की निश्चितता होती है और जोखिम नगण्य होता है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोग एफडी में निवेश करना पसंद करते हैं। खासतौर पर रिटायर्ड व्यक्ति, नौकरीपेशा और बुजुर्ग वर्ग एफडी को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह उन्हें मानसिक और आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है।

🔔 लोन और इन्शुरेंस चाहिए?

5 लाख तक की बीमा सुरक्षा

आरबीआई के तहत आने वाला डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) बैंक खाताधारकों को 5 लाख रुपये तक की सुरक्षा देता है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी कारणवश बैंक डूब जाता है, तो खाताधारक को उसकी एफडी और बचत खातों में कुल मिलाकर अधिकतम 5 लाख रुपये तक की राशि वापस मिलेगी। इस लिमिट से ऊपर की राशि जोखिम में रहती है, जिसे समझना जरूरी है।

यह भी पढ़े:
Free Laptop Yojana 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को मिलेंगे फ्री में लैपटॉप Free Laptop Yojana

5 लाख से अधिक निवेश पर जोखिम

यदि आप 5 लाख से अधिक की राशि एक ही बैंक में एफडी के रूप में रखते हैं, तो वह बीमा सुरक्षा के दायरे से बाहर हो जाती है। उदाहरण के लिए, अगर आपने एक ही बैंक में 10 लाख रुपये की एफडी की है और बैंक पर संकट आता है, तो आपको केवल 5 लाख रुपये तक की ही गारंटी मिलती है। बाकी राशि डूबने का खतरा बना रहता है, जिससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हो सकता है।

निवेश को करें बैंकों में विभाजित

विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि आप बड़ी राशि एफडी में निवेश करना चाहते हैं, तो उसे एक ही बैंक में रखने की बजाय विभिन्न बैंकों में बांट दें। इससे आपकी पूरी राशि 5-5 लाख के टुकड़ों में बीमा के अंतर्गत आ जाती है। इससे जोखिम कम होता है और आप मानसिक रूप से भी निश्चिंत रहते हैं कि किसी भी स्थिति में आपकी पूंजी सुरक्षित रहेगी।

सहकारी बैंकों में एफडी करते समय बरतें सावधानी

हाल ही में कई सहकारी बैंकों के दिवालिया होने की खबरें आई हैं। ऐसे में अगर आप सहकारी बैंकों में एफडी करने की सोच रहे हैं, तो उनकी वित्तीय स्थिति की अच्छे से जांच कर लें। आरबीआई की निगरानी में आने के बावजूद, इन बैंकों की साख और मैनेजमेंट पर सवाल उठते रहे हैं। इसलिए यदि सहकारी बैंक में एफडी करें भी तो 5 लाख की लिमिट तक ही निवेश करें।

यह भी पढ़े:
Redmi Note 13 Pro 5G Redmi ने मचाया तहलका! सस्ते दाम में लॉन्च हुआ 5G फोन, 16GB RAM, 256GB स्टोरेज और 200MP DSLR जैसा कैमरा

टैक्सेशन नियमों को समझना जरूरी

एफडी से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है। यदि आपकी सालाना ब्याज आय 40,000 रुपये से ज्यादा है (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये), तो उस पर TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) कटता है। यह टैक्स आपके कुल इनकम टैक्स रिटर्न में जोड़ दिया जाता है। यदि आप टैक्स स्लैब में आते हैं तो इस ब्याज पर अतिरिक्त टैक्स भरना भी पड़ सकता है।

एफडी के ऑटो रिन्यूअल से बचें

अक्सर बैंक एफडी की परिपक्वता अवधि पूरी होने पर उसे ऑटो-रिन्यू कर देते हैं। इससे आपको पता भी नहीं चलता और आपकी पूंजी अगले कार्यकाल के लिए लॉक हो जाती है। यदि आप इस चक्र में नहीं फंसना चाहते तो मेच्योरिटी से पहले अलर्ट सेट करें और फॉर्म भरकर ऑटो-रिन्यूअल को निष्क्रिय करें। इससे आपको ब्याज दर में बदलाव के अनुसार दोबारा निवेश करने का विकल्प मिलेगा।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग स्कीम्स बेहतर

वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकार और बैंक विशेष एफडी योजनाएं लेकर आते हैं जिनमें ब्याज दर सामान्य एफडी से अधिक होती है। जैसे कि SCSS (Senior Citizens Savings Scheme) या बैंक की विशेष वरिष्ठ नागरिक एफडी योजनाएं। इन स्कीम्स में निवेश करने से आपको बेहतर रिटर्न, टैक्स में छूट और अन्य लाभ मिल सकते हैं। इसलिए 60 वर्ष या उससे ऊपर के लोग इस विकल्प पर जरूर विचार करें।

यह भी पढ़े:
Ration Card List राशन कार्ड की नई लिस्ट जारी! सिर्फ इन लोगों को मिलेगा फ्री राशन Ration Card List

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और संबंधित बैंक या आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ताजा जानकारी जांचें। निवेश जोखिमों के अधीन होता है।

Leave a Comment